मेरा दिल
हिंदी कविता
मेरे दिल के अंदर झांको , जहां कुछ लोग रहते हैं।
किराए का यह कमरा है, यहां कुछ लोग रहते हैं।
मैंने कह दिया तेरा दिल है ,मगर कुछ लोग कहते हैं।
यह हमारा भी तो कमरा है ,यहां हम लोग रहते हैं।
बता कैसे मैं ना कह दूं, मेरे होंठ पर ना नहीं ,
मेरा दिल भी तो घायल है ,मुझे वो लोग कहते हैं।
तुझे मैं दिल कैसे दूं , यहां कुछ लोग रहते हैं।
Mera dil
mere dil ke ander jhanko, jaha kuch log rahte hai,
kiraye ka makan hai ,yaha kuch log rahte hai,
mane khe deya tera dil hai,magar yaha kuch log rahte hai,
yeh hamara bhi kamara hai ,yaha hum log rahte hai,
bata kade me naa khe du,mere hot par naa nahi,
mera dil bhi to ghayal hai ,mujhe vo log kahte hai ,
tujhe dil kase du.. yaha kuch log rahte hai,
हिंदी प्यार की कविता
मुझे हक़ तो नहीं
तेरी जुल्फों को छू लु ,मझे हक़ तो नहीं।
तेरे होठो को चुमू ,मुझे हक़ तो नहीं।
यह ख्वाइशे क्यों उमड़ती है ,
जी करता है तेरी बाहो में झुलु ,
तू नज़रे मिलाये ,मै नज़रे चुरा लू।
कही तुझे शक तो नहीं ,मुझे हक़ तो नहीं ,
तेरी जुल्फों को छू लु ,
मेरी नज़रे तेरे बिन क्यों मचलतीहै ,
जी करता है तुझे नज़रो में बसा लु।
कोई देखे न ऐसे छिपा लू ,
कही यह सच तो नहीं ,मुझे हक़ तो नहीं।
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