मेरी प्यार की कविता
यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है।
एक फूल ,एक फूल मैंने अपनी किताब में आज भी छिपा भी रखा है।
एक फूल को मेरी किताब ने बाहों में छुपा रखा है।
मेरे प्यार की तरह वह खामोश बरसों से सोया है।
शायद मेरी तरह वो भी बरसो रोया है।
इस फूल के मालिक से शायद कभी फिर मुलाकात हो ,
हम दोनों ने इस सपने को सजा रखा है।
यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है।
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