हिंदी कविता
तुझे याद करता हूं ,
मैं अपना घर कैसे बर्बाद करता हूं ,
तू नहीं तेरी यादों से ,
मैं तो दीवारों से भी बात करता हूं ,
कैसे-कैसे सपने और कैसी कैसी हकीकत ,
मैं रातों को लो सा जलता हूं ,
फिर भी तेरी यादों को बात करता हूं ,
तुझे बुलाकर मैं याद करता हूं।
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