फिर मिलने आना।
पहले प्यार की प्यारी से कविता
करके कोई बहाना ,चलो फिर मिलने आना।
लाख नजरे छुपाना ,खुद को मासूम बताना।
फिर भी सब समझ जाएगा ये दीवाना ,
तो फिर मिलने आना।
साथ की दुकान पर कुछ लेने आना।
साथ में मकान पर यूं ही रुक जाना।
चलते हुए गिरते पत्ते को देखकर।
मुझे भी देखते जाना, फिर मिलने आना।
यूं ही मिलने आना।
शाम को ढलते सूरज को देखकर ,
रात दस्तक देते अंधेरे को देख कर।
दिन यूं ही चला गया ,मायूस ना हो जाना।
तो फिर मिलने आना ,लेकर कोई बहाना, फिर मिलने आना।
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