ज़िंन्दगी एक कविता गोपी दवरा
वक्त आने दे तुझे भी बता देंगे जिंदगी ,
जिंदगी जीने का हुनर तुझे भी सिखा देंगे जिंदगी,
बेवक़्त बातों में वह वजन कहा ,
वक्त आने दे लफ्जों से तुझे हरा देंगे जिंदगी,
गले मिलकर तुझसे एक जिंदगी बिता देंगे जिंदगी,
बिन तेरे बिन जी कर भी दिखा देंगे ज़िंदगी ,
अभी वक्त का साथ नहीं है ज़िंदगी ,
वक्त आने दे तेरा साथ निभा देंगे जिंदगी।
जिंदगी जहां ले जाएगी, चला जाऊंगा।
अगर यह मुझे मिटाएगी , तो मिट जाऊंगा।
और क्यों मेरी बात मानेगी जिंदगी ,
मैं मनाउंगा तो क्या मान जाएगी ,
यह रूठी हुई किस्मत है ,
इसे कब तक मनाऊंगा ,
जहां ले जाएगी ,चला जाऊंगा।