समय मोटिवेशन कविता
Samay Motivation kavita by Gopi
जीवन का चक्र है ,
जीवन पलभर है ,
हम यूं ही घबराते हैं ,
हम आते हैं जाते हैं,
ना कोई नष्ट हुआ ,
ना कोई अनिष्ट हुआ,
बस यूं ही रो जाते हैं ,
यूं ही खुश हो जाते हैं ,
जीवन का चक्र है।
तू समय से भी है बड़ा ,
तुच्छ शरीर है तेरा,
कभी बालों पर ,
कभी रंग पर ,
हम क्यों इतना इतराते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें