sad shayari
उदास शायरी
प्यार जितना सुंदर और खूबसूरत शब्द है। उतना ही दुखदाई है प्यार का विरह या दिल का टूटना, जब हमारा कोई अपना हमसे अलग होता है ,हम अपने आप को यह समझा नहीं पाते ,यह की उसने हमें समझा क्यों नहीं ? और हम भी टूट जाते हैं। उस समय हमारा कोई साथी नहीं होता ,अकेले सिर्फ अकेले.... तनहा अंधेरे में हम बहुत सारे सवालों के जवाब खोजते हैं और बार-बार एक ही सवाल हमारे सामने आता है कि उसने हमें समझा क्यों नहीं।
दोस्तों उस वक्त भी हमारे साथ शायरी और कविता हमें संगति देते हैं। साथ देते हैं और हमारी भावनाओं व्यक्त करते हैं। आप इन पंक्तियों को पढ़ें और अपनों को शेयर करें हो सकता है कि उन्हें भी अपनी गलती का एहसास हो। वह भी आपके तो को महसूस करें और फिर वापस लौट आए ....सुना है बिरहा के बाद जो रिश्ता बनता है ,यानी टूटने के बाद जो रिश्ता बनता है, वह पहले से भी मजबूत होता है और हमारी आपस की समझ पहले से ज्यादा समझदारी भरी होती है।
इसलिए केवल दुख ना बनाएं ,दुख को बांटे और इन कविता और शायरियों को शेयर करें।
शायरी
कभी कभी हम शाम को उदास हो जाते है ,ना जानते हुए भी कोई याद हमे याद आते है ,वो कोण है जो हमे याद आते है। इस पर एक छोटी से कविता आप के लिए ही ,
कभी कभी
हिंदी कविता
कभी शाम को हम ,क्यों उदास हो जाते है ,डूबते सूरज हमे क्यों रुलाते है ,दिल बिना इजाजत ,किस याद को बुलाते है ,बारिश के यह नीर ,हमे क्यों जलाते है ,बहते हवा के झोके ,किस किसका संदेशा लाते है ,मुझे डुबते सुरज क्यों रुलाते है।
kabhi kabhi
hindi kavita by Gopi.
kabhi shaam ko hum,kyo udas hojaate hai ,
dubte surej hume kyo rulate hai ,
dil bina ijajt kis yaad ko bulate hai ,
baarish ke ye neer,hume kyo jalte hai,
bahte hawa ke yeh jhoke,kis kiska sandesha late hai,
mujhe dubte surej kyo rulate hai.
जुदाई
छूट रहे हैं हाथ ,फगत उंगलियां भी तू छुड़ा लेगी ,
ना जाने कब फिर मुलाकात होगी ,
आंखों ने जुबा का साथ देना बंद कर दिया ,
ना जाने कब तक बरसात होगी ,
दूर जाते हुए तुझे देखते देखते ,
ओझल हुआ तू मुझे देखते देखते
अब ना जाने कौन सी बस होगी,
वह कौन सी रात होगी ,
ना जाने कब फिर मुलाकात होगी।
judai
chhut rahe hain hath,
fgat ungaliyan bhi tu chura legi ,
Na jaane kab fir mulakat hogi ,
aankhon ne juban ka sath Dena band kar diya ,
na jaane kab Tak barsat hogi ,
dur jaate hue tujhe dekhte dekhte ,
ojal hua to mujhe dekhte dekhte
ab Na jaane kaun si bus hogi ,
vah kaun si Raat hogi ,
Na jaane kab fir mulakat hogi....
हिंदी प्यार की कविता
मुझे हक़ तो नहीं
तेरी जुल्फों को छू लु ,मझे हक़ तो नहीं।
तेरे होठो को चुमू ,मुझे हक़ तो नहीं।
यह ख्वाइशे क्यों उमड़ती है ,
जी करता है तेरी बाहो में झुलु ,
तू नज़रे मिलाये ,मै नज़रे चुरा लू।
कही तुझे शक तो नहीं ,मुझे हक़ तो नहीं ,
तेरी जुल्फों को छू लु ,
मेरी नज़रे तेरे बिन क्यों मचलतीहै ,
जी करता है तुझे नज़रो में बसा लु।
कोई देखे न ऐसे छिपा लू ,
कही यह सच तो नहीं ,मुझे हक़ तो नहीं।
सहारा, गोपी द्वारा कविता ,
दिल से दिल तक ,
तुम अलग मै अलग
तुम अलग मै अलग
दोनो चल दिए जीने के वास्ते
तुम अलग मै अलग
सांसो का मोह क्या इतना बड़ा है ,
तुम मुझे भूले ,मै तुम्हे भुला ,
हर वादा तोड़ कर चल दिए ,
तुम अलग मै अलग
कोई भी सेतु हमें जोड़ सकता नहीं ,
कोई भी डोर अब बांध सकती नहीं ,
हम इतनी दूर आ गए चलते चलते ,
तुम अलग मै अलग।
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