दीवाली की शुभ कामनाए ,अपने लाइफ पार्टनर के लिए
यह तारे से चमकते दिए ,
मांग के सिंगार हैं,तेरे लिए
यह फूटते पटाखे ,
हंसी की फुहार हैं, तेरे लिए
दीपावली की मिठाई,
खुशी बहार है ,तेरे लिए
हजारों ख्वाहिशें,हजारों मंजिलें ,
दिवाली पर इंतजार में है ,तेरे लिए
बस तू ही, तू तू ही तू ,
तो है मेरे लिए, मेरे लिए।
दीवाली त्यौहार श्री राम जी के अयोध्या वापस आने पर मनाया जाता है जब हर अयोध्यावासी ने यही तो कहा था।
दीवाली की कविता
चलो राम जी का पथ जगमगा दो ,
कुछ दिए इस पथ पर लगा दो ,
भूल ना जाए वह घर मेरा ,
कुछ दिए मेरे दरवाजे पर लगा दो ,
बड़ा बहुत बड़ा समय विरह का था ,
आज राम जी से समय मिलवा दो ,
शबरी सा रस, हनुमान सा भाग्य ,
मुझे भी दिलवा दो ,कुछ दिए जला दो।
बच्चों की दिवाली की कविता
दिवाली से सीखो ,
अंधेरे को हराना,
दिए से सीखो ,
कर्तव्य में स्वयं जल जाना ,
मिठाई से सीखो ,
मुंह में मिठास लाना ,
बस भूल न जाना ,
दिवाली से कहना ,
तुम रोज आना ,तुम रोज आना।