Mitti Hindi kavita मिट्टी हिंदी कविता जीवन पर शानदार कविता

 Mitti Hindi kavita 

मिट्टी हिंदी कविता 

जीवन पर शानदार कविता 

पानी में पानी सा मिल जाऊंगा ,

 मैं फिजा  में हवा सा बह  जाऊंगा,

 

kavita

मैं मिट्टी में मिट्टी सा बन जाऊंगा। 

मैं शरीर नहीं कुदरत हूं... 

कुदरत सा हो जाऊंगा ... 

अभी बहुत से सपने सजे हैं, मेरे अंदर 

मेरे अंदर बहुत सी शिकायत पली है ,

चांद पाने की ख्वाहिश छिपी है मेरे अंदर ,

मेरे अंदर मै खुद ही खो जाऊंगा ... 

मैं मिट्टी में मिट्टी सा बन जाऊंगा। 






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें