क्यों रुलाते है ?
कभी शाम को हम ,क्यों उदास हो जाते है ,
डुबते सूरज हमें ,क्यों रुलाते है ,
दिल बिना इजाजत ,किस याद को बुलाते है ,
बारिश के ये नीर ,हमे क्यों जलाते है ,
बहते हवा के झोके ,किस किसका सन्देशा लाते है ,
मुझे डुबते सूरज क्यों रुलाते है।
Kyo rulate hai
kabhi shaam ko hum,kyo udas ho jaate hai ,
dubte surej hume kyo rulate hai ,
dil bina ijajt kis yaad ko bulate hai ,
baarish ke yeh neer,hume kyo jalte hai ,
bahte hawa ke jhoke, kiska sandesha late hai ,
मुझे डुबते सूरज क्यों रुलाते है।
चलो छोड़ दु
चलो छोड़ दु ,इस चाहत को ,
भुल जाये इस मोहब्बत को ,
हार जाये हालात के आगे बहा दे,
पानी में वादा लिखे कागज को ,
रोक तो देता तुझे जाते हुए ,
पर किस नाम से आवाज दु ,
कोई हक़ मुझे नहीं छूने का ,
कैसे तुझे रोक दु ,रुक जा ,
मेरे लिए आखिरी इनायत को।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें