क्यों रुलाते है ?sad poem by Gopi.



hindi kavita by Gopi

क्यों रुलाते है ?


कभी शाम को हम ,क्यों उदास हो जाते है ,

डुबते सूरज हमें ,क्यों रुलाते है , 

दिल बिना इजाजत ,किस याद को बुलाते है ,

बारिश के ये नीर ,हमे क्यों जलाते है ,

बहते हवा के झोके ,किस किसका सन्देशा लाते है ,

मुझे डुबते सूरज क्यों रुलाते है।


Kyo rulate hai 

kabhi shaam ko hum,kyo udas ho jaate hai ,

dubte surej hume kyo rulate hai ,

dil bina ijajt kis yaad ko bulate hai ,

baarish ke yeh neer,hume kyo jalte hai ,

bahte hawa ke jhoke, kiska sandesha late hai ,

मुझे डुबते सूरज क्यों रुलाते है। 

चलो छोड़ दुkavita,hindi shayari


चलो छोड़ दु  ,इस चाहत को ,
भुल जाये इस मोहब्बत को ,
हार जाये हालात के आगे बहा दे,
पानी में वादा लिखे कागज को ,
रोक तो देता तुझे जाते हुए ,
पर किस नाम से आवाज दु ,
कोई हक़ मुझे नहीं छूने का ,
कैसे तुझे रोक दु ,रुक जा ,
मेरे लिए आखिरी इनायत को। 

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