तेरी आदत
हिंदी कविता
अभी जिंदगी को तेरी जरूरत नहीं है ,
अभी मुझको तेरी आदत नहीं है ,
अभी बंद है दिल के दरवाजे सारे ,
किसी को भी आने की इजाजत नहीं है ,
हजारों परिंदे उड़ते हैं आसमां में ,
सबकी ख्वाइश मोहब्बत नहीं है ,
किसी एक में समा जाओ कभी तुम।,
सारी दुनिया उसी में बसी है ,
अभी जिंदगी को तेरी जरूरत नहीं है।
कविता
ख्वाब
हमारे फूल किसी और के घर महकते हैं,
किसी के ख्वाब जमीन पर पड़े सिसकते हैं ,
अजीब रंग ,अजीब ढंग है ,जमाने का ,
तेरी चादर पर टूटे फूल भी हंसते हैं ,
ख्वाबों को मिली छत, ना मंजिल ,
मेरे ख्वाब मेरे को रातों को डसते हैं ,
हमारे फूल किसी और के घर महकते हैं,
मैं क्यों फूलों की खुशबू लु ,
तेरी खुशबू के आगे सब फीके हैं,
मैं उस जमीन को चूमता रहता हूं,
जिस गली से वह मेरे यार गुजरते हैं,
हमारे फूल किसी और के घर महकते हैं।