मेरी प्यार की कविता ,यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है। hindi kavita by Gopi


मेरी प्यार की कविता  ,यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है। hindi kavita by Gopi

मेरी प्यार की कविता 

यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है। 

एक फूल ,एक फूल मैंने  अपनी किताब में आज भी छिपा भी रखा है। 

 एक फूल को मेरी  किताब ने  बाहों में छुपा रखा है। 

 मेरे प्यार की तरह वह खामोश बरसों से सोया है। 

शायद मेरी तरह वो भी बरसो रोया  है। 

इस फूल  के मालिक से शायद कभी फिर मुलाकात  हो ,

हम दोनों ने इस सपने को  सजा रखा है। 

यह फूल मेरी किताब में आज भी रखा है। 

तेरी बातें बहुत याद आती हैं, hindi kavita by Gopi,ऐसी प्यार की कविता सुनी है.

ऐसी प्यार की कविता सुनी है ,कभी 

तेरी बातें बहुत याद आती हैं, 


 वो रातें, मुलाकातें ,तेरी बातें ,

बहुत याद आती हैं, तेरा हंसना,

 तेरा रोना ,तेरी करवटें ,

बहुत याद आती है। 

समय की धारा को मोड़ दो,

 फिर से वहीं पल, मुझे दे दो ,

सब बस दिलासा है ,

यह यह बातें दिल को दिलासा दे जाती हैं। 

तुम्हें बुलाना भी चाहूं ,

तुम नहीं आओगे ,

 मेरे आंसू को कहां समझ पाओगे,

 दुनिया भी मुझको यही समझाती है।  

अलविदा ज़िंदगी 

दर्द से भरी कविता 


 मैं तुझसे दूर बहुत दूर हो जाऊंगा,

 देखना मैं भीड़ में भीड़ सा  बन जाऊंगा। 

तेरी आंखें लाख रस्ता देखे, ना देखे ,

मैं अँधेरे में परछाई सा हो जाऊंगा। 

 मैं बहुत दूर हो जाऊंगा। 

हवा के झोंके पर मेरी खशबू  को ना महसूस करना। 

रात के तारों में मेरा नाम ना गिनना। 

 सुबह की भोर पर मेरा इंतजार ना  करना। 

मैं इस तरह फना  हो जाऊंगा। 

 मैं तुझसे बहुत दूर हो जाऊंगा। 

वो मै तो नहीं ,kavita in Hindi.

 

kahani

वो मै तो नहीं ,


जिसके तूने सपने देखे ,
जिसकी तुने राहे बाटी ,
जिसके लिए तु रात जगी ,
वो मै तो नहीं ,
जिसको तु प्यार करेगी ,
जिसको अपना मन देगी ,
कंचन तन सोप दोगी ,
वो मै तो नहीं ,
जिसकी आत्मा दर्पण होगी ,
जिसके लिए जीवन अर्पण होगा ,
जिसको तु सासे सोप देगी ,
वो मै तो नहीं..... 

तेरी गलिया teri galliya,kavita by Gopi.

  

तेरी गलिया teri galliya 

तेरी गलियों को छोड़कर ,कहां जाऊंगा। 

मैं फिर वापस ,लौट आऊंगा। 

मेरी दुनिया, तेरी घर की दीवारों तक है। 

मैं अपनी दुनिया छोड़कर कहां जाऊंगा। 

समय पर मोटिवेशनल कविता समय अपना सारथी।

समय पर मोटिवेशनल कविता 

समय अपना सारथी। 


 चल रहे है हम अकेले समय अपना सारथी 

जहां चाहे मोड़ देता ,जब चाहे छोड़ देता ,

समय अपना महाबली,समय अपना सारथी। 

हमने की है लाख कोशिश ज़िंदगी को मनाने की ,

टूटे हुए चंद धागे ,फिर से बनाने की ,

पर सुनता ही नहीं यह महारथी ,

समय अपना सारथी। 

समय के रथ पर सवार हु और ज़िंदगी का सफर ,

हाथ बंधे है मेरे ,समय का यह चक्र 

समय हर पल कर रहा है दिल्लगी 

समय अपना सारथी ,हार जाने पर भी मुझको 

छोड़ता है क्यों नहीं ,मुझ से द्रेष है तो ,

मुख मोड़ता है क्यों नहीं ,

मुझसे और क्या मांगता है यह रथी ,

समय अपना सारथी। 


हिंदी कविता , सपना ना दे,hindi poem by Gopi

 
हिंदी कविता , सपना ना दे

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सपना ना दे

मुझे तु  अपना सपना ना दे,

 सपना टूटने से डरता हूं मैं ,

कहीं कोई सपना अधूरा रह जाए,

 इसलिए रातों को जगता हूं मैं ,

तेरे सपने कांच की तरह नाजुक हैं ,

संभाल लो इनको  छुपा लो इन्हे ,

 कहीं आंखों से छूट ना जाए ,

इसलिए मैं रातों को करवटें बदलता हूं मैं ,

मुझे तू अपना सपना ना दे। 

हिंदी कविता , तुझे याद करता हूं ,Hindi kavita by Gopi,sad shayari

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 हिंदी कविता

तुझे  याद करता हूं ,

मैं अपना घर कैसे बर्बाद करता हूं ,

तू नहीं तेरी यादों से ,

मैं तो दीवारों से भी बात करता हूं ,

कैसे-कैसे सपने और कैसी कैसी हकीकत ,

मैं रातों को लो सा जलता हूं ,

फिर भी तेरी यादों को बात करता हूं ,

तुझे बुलाकर मैं याद करता हूं। 

खतरनाक स्टेटस शायरी ,status

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लौट के ना आएंगे 
तेरे देर से चले जायेगे हम ,
फिर लोट के ना आएंगे हम ,
तुम लाख आवाज देना ,
 पर नज़र ना आएंगे हम,
चाहे तुम रो लेना ,
या हज़ार माफीया कहना ,
याद तो आएंगे पर ,
नज़र ना आयगे हम। 

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आंखों को बरसने दो

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     आंखों को बरसने दो यादों से आज मुलाकात है ,

शाम उदास है मौसम में भी कुछ बात है ,
तेरे किस्से तेरी कहानी बहुत याद आई,
 बाहर भी सावन अंदर भी सावन यह क्या रुत आई ,
क्या बादल तेरे भी जज्बात हैं। 
आंखों को बरसने दो यादों से आज मुलाकात है ,
शाम उदास है मौसम में भी कुछ बात है। 
ना जिएंगे तेरे बिन जुबां पर तेरी बार-बार वही बात , 
रोकर  कहा था तूने वह घड़ी बहुत याद आई ,
मुकर भी गए तो क्या बात है,
आंखों को बरसने दो यादों से आज मुलाकात है ,
शाम उदास है मौसम में भी कुछ बात है। 

मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा। हिंदी की बेहतरीन कविता



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 मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा। 

हिंदी की बेहतरीन कविता 

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मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा ,

देखना दौड़कर क्षितिज को छू आऊगा ,

 मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा .

कागज की नाव से सड़कों पर ,

बरसात की नदी पार कर जाऊंगा ,

मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा .

अभी जिंदगी के झमेले लड़ रहा हूं ,अभी अकेले ,

मैं जीत कर फिर वापस आऊंगा ,

मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा .

पतंग बना चांद पर जाऊंगा ,

पेड़ के नीचे बैठी बुढ़िया ,

उसका चरखा ले आऊंगा ,

मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा। 

एक दिन फिजा में समा जाऊंगा ,

इन्हीं पेड़ों में जल जाऊंगा,

 मैं फिर से वापस फिर आऊंगा ,

फिर से बच्चा बन जाऊंगा। 

मैं फिर से बच्चा बन जाऊंगा। हिंदी की बेहतरीन कविता



बेटी पर कविता वह रात को फिर जग गई।

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वह रात को फिर जग गई। 

बड़े ही विश्वास से, बड़ी ही आस से ,

 छोटे से हाथ से ,मेरी उंगलियों को पकड़ा ,

और मेरे गले लग गई ,फिर रात हो जग गई ,

  हर डर को हरा के , हर हार को भुलाकर ,

वो  सो गई ,रात भर सपनों में हो गई ,

मैं रात भर उसको ताकता रहा ,

रात भर मुस्कुराता रहा ,  रात भर जागता रहा ,

सपने में कभी रोई  और कभी हंस गई ,

वह फिर रात को जग गई। 




दीवाली की शुभ कामनाए ,अपने लाइफ पार्टनर के लिए



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दीवाली पर कविता 
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दीवाली की शुभ कामनाए ,अपने लाइफ पार्टनर के लिए 

यह  तारे से चमकते दिए ,  

मांग के सिंगार हैं,तेरे लिए

 यह फूटते पटाखे ,

हंसी  की फुहार हैं, तेरे लिए

दीपावली की मिठाई,

 खुशी बहार है ,तेरे लिए

 हजारों ख्वाहिशें,हजारों मंजिलें ,

दिवाली पर इंतजार में है ,तेरे लिए

 बस तू ही, तू तू ही तू ,

तो है मेरे लिए, मेरे लिए। 

दीवाली त्यौहार श्री राम जी के अयोध्या वापस आने पर मनाया जाता है जब हर अयोध्यावासी ने यही तो कहा था। 

दीवाली की कविता ,deewali,

दीवाली की कविता 

चलो राम जी का पथ  जगमगा दो ,

कुछ दिए इस पथ  पर लगा दो ,

भूल ना जाए वह घर मेरा ,

कुछ दिए  मेरे दरवाजे पर लगा दो ,

बड़ा बहुत बड़ा समय विरह का था ,

आज राम जी से समय मिलवा दो ,

शबरी सा रस, हनुमान सा भाग्य ,

मुझे भी दिलवा दो ,कुछ दिए जला दो। 


 बच्चों की दिवाली की कविता

दिवाली से सीखो ,

अंधेरे को हराना,

 दिए से सीखो ,

कर्तव्य में स्वयं जल जाना ,

मिठाई से सीखो ,

मुंह में मिठास लाना ,

बस भूल न जाना ,

दिवाली से कहना ,

तुम रोज आना ,तुम रोज आना। 


Mitti Hindi kavita मिट्टी हिंदी कविता जीवन पर शानदार कविता

 Mitti Hindi kavita 

मिट्टी हिंदी कविता 

जीवन पर शानदार कविता 

पानी में पानी सा मिल जाऊंगा ,

 मैं फिजा  में हवा सा बह  जाऊंगा,

 

kavita

मैं मिट्टी में मिट्टी सा बन जाऊंगा। 

मैं शरीर नहीं कुदरत हूं... 

कुदरत सा हो जाऊंगा ... 

अभी बहुत से सपने सजे हैं, मेरे अंदर 

मेरे अंदर बहुत सी शिकायत पली है ,

चांद पाने की ख्वाहिश छिपी है मेरे अंदर ,

मेरे अंदर मै खुद ही खो जाऊंगा ... 

मैं मिट्टी में मिट्टी सा बन जाऊंगा।